आइए विकास दिवस मनायें दिवस मनाने की भी औपचारिकता निभाएं। आइए विकास दिवस मनायें दिवस मनाने की भी औपचारिकता निभाएं।
तब मुझको मत कहना दोषी तुम, तब मुझसे मत करना कोई सवाल तुम। तब मुझको मत कहना दोषी तुम, तब मुझसे मत करना कोई सवाल तुम।
और समझ नहीं सका मेरे दिल को, लेकिन कर दिया अमर मैंने यह प्यार। और समझ नहीं सका मेरे दिल को, लेकिन कर दिया अमर मैंने यह प्यार।
काव्यात्मा बनकर हर वक़्त, जिसको स्वीकार करता है, यह संसार और हर कवि। काव्यात्मा बनकर हर वक़्त, जिसको स्वीकार करता है, यह संसार और हर कवि।
जाता हूँ अब वर्षों में मेरे गाँव, मेरा गाँव जो इतना बदल गया।। जाता हूँ अब वर्षों में मेरे गाँव, मेरा गाँव जो इतना बदल गया।।
रहे अमर हमारा यह वतन । बोलो जय-जय गणतंत्र दिवस।। रहे अमर हमारा यह वतन । बोलो जय-जय गणतंत्र दिवस।।